महिलाओं में माहवारी का हर 28 से 30 दिन में आना सामान्य माना जाता है।
लेकिन जब माहवारी समय से पहले या बहुत कम अंतराल में बार-बार आने लगती है, तो यह शरीर में हार्मोनल असंतुलन या गर्भाशय की कमजोरी का संकेत हो सकता है।
यह स्थिति न केवल असुविधाजनक होती है, बल्कि लंबे समय में महिला की प्रजनन क्षमता (fertility) और संपूर्ण स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है।
हार्मोनल असंतुलन (विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में)
मानसिक तनाव या चिंता
थायरॉइड की समस्या
रक्त की कमी (एनीमिया)
संक्रमण या गर्भाशय की कमजोरी
अत्यधिक शारीरिक परिश्रम या वजन में बदलाव
नींद की कमी या गलत खानपान
माहवारी का 15–20 दिन में ही दोबारा आना
कमर व पेट में दर्द
शरीर में कमजोरी और थकान
मूड स्विंग्स या चिड़चिड़ापन
नींद की कमी और मन में बेचैनी
धन्वंतरि क्लिनिक, सिकन्द्रा में इस समस्या का उपचार आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से किया जाता है।
हम शरीर के अंदर के असंतुलन को जड़ से ठीक करने पर ध्यान देते हैं ताकि मासिक धर्म की नियमितता स्वाभाविक रूप से लौट सके।
हमारा उपचार शामिल करता है:
हार्मोन संतुलन के लिए आयुर्वेदिक औषधियाँ
गर्भाशय को मजबूत करने वाली हर्बल थेरेपी
पंचकर्म चिकित्सा द्वारा शरीर का शुद्धिकरण
तनाव निवारण योग एवं ध्यान अभ्यास
संतुलित आहार और जीवनशैली मार्गदर्शन
महिलाओं को हार्मोनल संतुलन और नियमित माहवारी की ओर वापस लाना —
ताकि वे स्वस्थ, आत्मविश्वासी और तनावमुक्त जीवन जी सकें।
“प्राकृतिक चिकित्सा से नियमित माहवारी — स्वस्थ जीवन की पहली सीढ़ी।”