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  • 2025-10-09
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आयुर्वेद में पीसीओडी को कैसे देखा जाता है?

आयुर्वेद में PCOD को “आर्टवदोष” या “रज: दोष” कहा गया है।
यह तब होता है जब शरीर में कफ दोष और पित्त दोष बढ़ जाते हैं, जिससे अंडाशय का कार्य बाधित होता है और रज: चक्र (menstrual cycle) प्रभावित होता है।

मुख्य कारण:

  1. असंतुलित आहार (ज्यादा तैलीय, मीठा, फास्ट फूड)

  2. तनाव और नींद की कमी

  3. शारीरिक गतिविधि का अभाव

  4. हॉर्मोनल असंतुलन

  5. मोटापा और पाचन की कमजोरी

धन्वंतरि क्लिनिक में पीसीओडी का आयुर्वेदिक उपचार

धन्वंतरि क्लिनिक सिकंदरा में PCOD का इलाज केवल लक्षणों के आधार पर नहीं, बल्कि शरीर की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) और हॉर्मोनल असंतुलन को ध्यान में रखकर किया जाता है।

1. पंचकर्म चिकित्सा (Detox Therapy)

पंचकर्म शरीर से विषैले तत्व (Toxins) को बाहर निकालता है।
यह यकृत (Liver) और हार्मोन सिस्टम को संतुलित करता है।

  • वमन (Therapeutic vomiting) — कफ दोष को संतुलित करता है

  • बस्ती (Medicated enema) — प्रजनन अंगों को पोषण देता है

  • अभ्यंग व स्वेदन — रक्त संचार और मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं


2. आयुर्वेदिक औषधियाँ

धन्वंतरि क्लिनिक में प्रमाणित आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग किया जाता है:

  • शतावरी: हार्मोन संतुलन और ओव्यूलेशन को नियमित करती है।

  • अशोक चूर्ण: गर्भाशय को मजबूत करता है और ब्लीडिंग कंट्रोल में मदद करता है।

  • त्रिफला: शरीर का डिटॉक्स करती है और पाचन सुधारती है।

  • कंचनार गुग्गुल: अंडाशय में बने सिस्ट को धीरे-धीरे समाप्त करने में सहायक।

  • अश्वगंधा: तनाव कम कर मानसिक शांति प्रदान करती है।


3. आहार एवं जीवनशैली परामर्श

आयुर्वेद में भोजन को दवा माना गया है।
पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं को सलाह दी जाती है:

  • अधिक मात्रा में हरी सब्जियाँ, फल, जौ, मूंग दाल, और हल्का भोजन करें।

  • जंक फूड, शक्कर और डेयरी उत्पाद कम लें।

  • सुबह सूर्य नमस्कार और हल्का योग करें।

  • देर रात तक जागना और तनाव से बचें।


4. योग और प्राणायाम

योग से रक्त संचार और हॉर्मोनल बैलेंस दोनों सुधरते हैं।

  • भद्रासन, मंडूकासन, और सेतुबंधासन गर्भाशय को सक्रिय करते हैं।

  • अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और कपालभाति मानसिक शांति और हार्मोनल नियंत्रण में सहायक हैं।


धन्वंतरि क्लिनिक की विशेषता

  • पूरी तरह प्राकृतिक और साइड इफेक्ट-फ्री उपचार

  • अनुभवी आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा व्यक्तिगत परामर्श

  • PCOD, अनियमित माहवारी, और बांझपन में सफल परिणाम

  • औषधि, आहार, योग और पंचकर्म का संयुक्त उपचार


निष्कर्ष

पीसीओडी का उपचार केवल दवाओं से संभव नहीं है — इसके लिए शरीर, मन और जीवनशैली का संतुलन आवश्यक है।
आयुर्वेद इस रोग की जड़ में जाकर उसका स्थायी समाधान प्रदान करता है।
धन्वंतरि क्लिनिक सिकंदरा में आपको मिलेगा एक ऐसा उपचार जो प्राकृतिक, प्रभावी और सुरक्षित है — जिससे आप फिर से पा सकें एक स्वस्थ और संतुलित जीवन।


क्लिनिक नाम: धन्वंतरि क्लिनिक सिकंदरा
स्थान: सिकंदरा, आगरा Road
संपर्क करें: +91-9982153968
वेबसाइट: https://dhanwantriclinicsikandra.com/

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