पीसीओडी (Polycystic Ovarian Disease) महिलाओं में होने वाली एक सामान्य लेकिन गंभीर हार्मोनल असंतुलन की समस्या है।
इसमें महिलाओं के अंडाशय (ovaries) में छोटे-छोटे सिस्ट (थैलीनुमा गांठें) बन जाती हैं, जिससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है और कई बार गर्भधारण में कठिनाई होती है।
यह समस्या आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव, गलत खानपान और हार्मोनल गड़बड़ी के कारण तेजी से बढ़ रही है।
हार्मोनल असंतुलन (विशेष रूप से इंसुलिन और एंड्रोजन में वृद्धि)
मानसिक तनाव और चिंता
अनियमित नींद या गलत दिनचर्या
जंक फूड और असंतुलित आहार
वजन बढ़ना या मोटापा
आनुवंशिक कारण (genetic factors)
अनियमित माहवारी या माहवारी का रुक जाना
चेहरे और शरीर पर अनचाहे बालों की वृद्धि
वजन बढ़ना या कम न होना
मुंहासे, तैलीय त्वचा
बालों का झड़ना या पतले होना
थकान, मूड स्विंग्स, या डिप्रेशन
गर्भधारण में कठिनाई
धन्वंतरि क्लिनिक, सिकन्द्रा में पीसीओडी का उपचार आयुर्वेदिक चिकित्सा, पंचकर्म और जीवनशैली सुधार के माध्यम से किया जाता है।
हम केवल लक्षणों को नहीं, बल्कि बीमारी की जड़ यानी हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने पर ध्यान देते हैं।
हमारा उपचार शामिल करता है:
हार्मोन संतुलन के लिए आयुर्वेदिक औषधियाँ
गर्भाशय और अंडाशय को शुद्ध व सशक्त करने वाली हर्बल थेरेपी
पंचकर्म द्वारा शरीर का डिटॉक्स (शुद्धिकरण)
योग और ध्यान से तनाव नियंत्रण
उचित आहार और जीवनशैली परामर्श
प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा द्वारा महिलाओं को स्वस्थ, आत्मविश्वासी और मातृत्व के योग्य जीवन की ओर वापस लाना।
“आयुर्वेद से हार्मोन संतुलन – पीसीओडी से मुक्त जीवन की ओर।”