गर्भाशय का नीचे आना, जिसे आम बोलचाल में “शरीर दिखाई देना” कहा जाता है, महिलाओं में होने वाली एक सामान्य परंतु गंभीर समस्या है।
यह तब होता है जब गर्भाशय (Uterus) अपनी प्राकृतिक स्थिति से नीचे की ओर खिसककर योनि मार्ग (Vaginal Canal) में आने लगता है।
बार-बार गर्भधारण या कठिन प्रसव
शरीर की कमजोरी या गर्भाशय की मांसपेशियों का ढीलापन
प्रसव के बाद उचित आराम और देखभाल की कमी
भारी वजन उठाना या लगातार झुककर काम करना
रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद हार्मोनल परिवर्तन
पुराना कब्ज या लगातार खांसी
योनि मार्ग से शरीर या मांसल हिस्सा बाहर निकलता दिखना
निचले पेट या कमर में भारीपन और दर्द
पेशाब या मल त्याग में परेशानी
चलने-फिरने या बैठने पर असुविधा
बार-बार सफेद पानी या संक्रमण की समस्या
धन्वंतरि क्लिनिक, सिकन्द्रा में गर्भाशय के नीचे आने की समस्या का उपचार पूरी तरह आयुर्वेदिक और बिना ऑपरेशन के किया जाता है।
हमारा उपचार शामिल करता है:
गर्भाशय को मजबूत करने वाली आयुर्वेदिक औषधियाँ
पंचकर्म चिकित्सा द्वारा शरीर के अंदरूनी स्नायुओं को संतुलन में लाना
विशेष योगासन और प्राणायाम जो गर्भाशय को उसकी प्राकृतिक स्थिति में लौटाने में सहायक हैं
आहार-संशोधन और जीवनशैली सुधार के उपाय
बिना किसी सर्जरी या दर्द के, सुरक्षित और प्रभावी परिणाम
महिलाओं को उनके शरीर में संतुलन, शक्ति और आत्मविश्वास लौटाना —
“प्राकृतिक तरीके से, बिना ऑपरेशन, सुरक्षित उपचार के साथ।”