आधुनिक जीवनशैली, तनाव और खानपान की गलत आदतें आज बांझपन की बड़ी वजह बन चुकी हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और पंचकर्म उपचार के ज़रिए गर्भधारण की क्षमता को बढ़ाने के प्रभावी उपाय बताए गए हैं।
आज की आधुनिक जीवनशैली, तनाव, और असंतुलित आहार के कारण महिलाओं में पीसीओडी (Polycystic Ovarian Disease) या पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) बहुत आम समस्या बन चुकी है।
आयुर्वेद में मासिक धर्म की गड़बड़ी को “रज: दोष” कहा गया है। यह शरीर के वात और पित्त दोष के असंतुलन से उत्पन्न होती है। जब यह दोष बढ़ जाते हैं, तो गर्भाशय (Uterus) और ओवरीज़ (Ovaries) का कार्य प्रभावित होता है, जिससे माहवारी का चक्र बिगड़ जाता है।